लेखक तृषार पिछले अनेक वर्षों से पौराणिक और ऐतिहासिक कथा संदर्भों के पार्श्व में सामयिक और दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान ढूँढने की कोशिश करती कथाएं अनेक मीडिया मंचो पर लिखते आ रहे हैं।
बारीन्द्र कुमार घोष जी की जन्म जयंती पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे ही गुमनाम क्रांतिकारी की गाथा लेकर आपके सामने प्रस्तुत हैं डॉ. मनीष श्रीवास्तव
BookReview by Manish Shrivastava of ‘Bravehearts of Bharat: Vignettes From Indian History’ by Vikram Sampath that tells tales of great warriors of India who battled valiantly to preserve history and culture of their homeland
यह कथा श्रीमार्कंडेय पुराण में, सावर्णिक मन्वंतर की कथा के अंतर्गत, देवीमाहाम्य में छठे अध्याय में वर्णित थी। इस अंक में हम चंड-मुंड और महादेवी युद्ध का वर्णन पढने वाले हैं।