महाकाव्य के नियम
श्री रामागमन के शुभ अवसर पर इंडिका आपके सामने लेखों और कथाओं की शृंखला प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी शृंखला में प्रस्तुत है श्री आनंद जी द्वारा यह लेख जिसमे वह बता रहे हैं कि ग्रंथों में रचना की विशेषताओं को समझना हो तो काव्य ग्रंथों के साथ साथ काव्य लक्षण के ग्रन्थ भी पढ़ने पड़ते हैं