अद्भुत सौंदर्य व शांति से भरी माँ नर्मदा परिक्रमा
नर्मदा परिक्रमा पर प्रसिद्ध नर्मदा यात्री व लेखक अमृतलाल वेगड़ अपनी पुस्तक “तीरे तीरे नर्मदा” में लिखते है “उन परकम्मावासियों को मैं कैसे भूल सकता हूँ जिन्हें देखकर मैं यह समझ सका कि ‛आस्था’ किसे कहते हैं। परिक्रमा आस्था का, सर्वसमर्पण का ही तो अभियान है।