आयुर्वेद रोग निवारण का नहीं, जीवन स्वस्थ रखने का विज्ञान है। चार पुरुषार्थ से सृष्टि का अस्तित्व है – धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ! इनमें एक पुरुषार्थ – मोक्ष साध्य है तथा अन्य तीन अर्थात धर्म, अर्थ तथा काम इस चौथे पुरुषार्थ मोक्ष का साधन हैं। इन तीन पुरुषार्थों का साधन है आरोग्य ! तथा इस आरोग्य की प्राप्ति का साधन है ‘स्वस्थवृत्त’! ये स्वस्थवृत्त की संक्षिप्त व्याख्या है।