भारतीय ग्रंथों तथा पुराणों में देवी दुर्गा का वर्णन – भाग ४
शुम्भ तथा निशुम्भ से तिरस्कृत देवतागण अपराजिता देवी का स्मरण कर माँ जगदम्बा की शरण में जाते है तथा भगवती विष्णु माया की स्तुति में लीन हो जाते हैं। स्तुति से प्रसन्न हो, देवी पार्वती की कोशिकाओं से कौशिकी प्रकट हो देवगणों को दर्शन देती हैं।