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नव दुर्गा के विभिन्न रूप – प्रथम दिवस

भारत विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां सभी कुछ अनूठा और निराला है। जब यहाँ प्रत्येक क्षेत्र की भाषा, भोजन, संस्कृति, पोशाक आदि भी विभिन्न प्रकार के हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे विविध रीति-रिवाजों के अनुसार पूजाप्रणाली भी भिन्न ही होगी। नवरात्रि इसी विविधता को मनाने का एक ऐसा ही उदाहरण है।

“अश्वयुज” और “चैत्र” महीनों के पूर्वार्द्ध की अवधि में प्रतिपदा से दशमी तक प्रतिवर्ष दो बार नौ दिनों के लिए नवरात्रि समारोह आयोजित किए जाते हैं। अश्वयुज माह में नवरात्रि के त्योहारों को शरद नवरात्रों के रूप में जाना जाता है तथा चैत्र माह के त्योहारों को लोकप्रिय रूप से वसंत नवरात्रों के रूप में जाना जाता है।

इसी नवरात्रि के शुभ अवसर पर हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं- “नव दुर्गा के विभिन्न रूप”

आज की कड़ी आपके सामने लेकर आ रहीं हैं अंशु दुबे जी जो कि नवरात्र के प्रथम दिवस हिमपुत्री माता शैलपुत्री के आगमन और उनकी पूजा-अर्चना से सम्बंधित चर्चा कर रहीं हैं।

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