शिव और कालरात्रि
जब महाकाल रूप में सृष्टि के संपादन को भंग करने पर आते है तो अपने वेग से समाहित लय भंग करते डालते हैं। इसी में संजीवन का रहस्य है कि यदि शाश्वत रहना है तो महादेव की स्फूर्ति चाहिए, जो बदलाव से आगे के लिए तैयार रहे।
March 12, 2021 Shraddha Suman Rai