क्रांतिदूत – भाग-5 : “बसंती चोला” (पुस्तक समीक्षा)

अनसुनी कथाओं की गाथा है यह क्रांतिदूत शृंखला, जिसका यह पाँचवा भाग “बसंती चोला” कई मामलों में विशिष्ट है। यहाँ आप जवाहर लाल नेहरु और सचींद्र नाथ सान्याल के बीच हुई उस बातचीत के बारे में जानेंगे जहाँ सान्याल साहब नेहरु जी को विश्वास दिला देते हैं कि सशस्त्र क्रांति क्यूँ आवश्यक है।