श्रीकृष्ण रूप भाव, श्रीमद भागवत और गीतगोविंद

भागवत के केन्द्र में श्रीकृष्ण हैं तथा भागवत एक तरह से श्रीकृष्ण का वाङ्मय विग्रह है। गीतगोविन्द के केन्द्र में श्रीराधा है, अतः वह राधा का, श्रीकृष्णमय राधा का गीतमय विग्रह है। भागवत राधा की माधवी वृत्ति में चरितार्थ हो जाता है।